Bulldozer runs on illegal occupation of Surguja Mahamaya hill: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में महामाया पहाड़ी की संरक्षित वन भूमि पर करीब 450 लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान बना लिए हैं। सोमवार को प्रशासन की टीम ने करीब 30 मकानों को ध्वस्त कर दिया। पहाड़ी पर 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। 440 अतिक्रमणकारियों में से अधिकांश झारखंड के मुस्लिम समुदाय के लोग हैं।
महामाया पहाड़ी पर अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासनिक और वन अमले की टीम को सुबह कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। अतिक्रमणकारियों ने कुछ और समय मांगा, लेकिन प्रशासन ने मना कर दिया। हंगामे के बीच पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया।

अब जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल सरगुजा के सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर से लगी पहाड़ी को काटकर लंबे समय से अतिक्रमण किया जा रहा है। इसमें कब्जाधारियों के मकान और बाड़ी बनी हुई हैं। 2021 में जिला प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किए गए सर्वे में 440 लोगों द्वारा अतिक्रमण पाया गया था।
15 अक्टूबर 2022 को 60 अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यह कार्रवाई रोक दी गई थी। कार्रवाई से पहले एक बार फिर 17 जनवरी को 3 दिन का समय देते हुए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस नेता शफी अहमद ने लगाया पक्षपात का आरोप
इस दौरान कांग्रेस नेता शफी अहमद, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित कांग्रेस नेता भी पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने कार्रवाई करने में पक्षपात का आरोप लगाया। साथ ही व्यवस्था बनाने की मांग की। कब्जाधारियों ने कुछ और समय मांगा, लेकिन प्रशासन ने सिर्फ घर में रखे सामान को हटाने के लिए कुछ समय दिया।
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक अमला आज करीब 60 कब्जाधारियों के अवैध अतिक्रमण को तोड़ेगा। वहीं 182 कब्जाधारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। शेष अतिक्रमण को दूसरे चरण में तोड़ा जाएगा।
सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया अवैध अतिक्रमण
महामाया पहाड़ी पर अवैध अतिक्रमण बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है। यहां ज्यादातर अवैध कब्जा झारखंड से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया हुआ है। नोटिस मिलने के बाद बड़ी संख्या में इन लोगों ने दूसरे स्थानों पर मकान बना लिए हैं, जो बचे हैं वे गरीब तबके से हैं।
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने अवैध कब्जे में बने मकानों को दूसरों को बेच भी दिया है। वन मंत्री केदार कश्यप ने 5 दिन पहले सभी अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए थे, जिसके बाद कार्रवाई की गई है।
वहीं मामले में सरगुजा डीएफओ टी. शेखर ने कहा कि वन भूमि से बेदखली की कार्रवाई नियमानुसार पारदर्शिता के साथ की जा रही है।